केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के घर में हुई दो मैराथन बैठक के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाले पहलवानों ने शुक्रवार देर रात जंतर-मंतर पर चल रहा धरना तो खत्म कर दिया था लेकिन शनिवार को अध्यक्ष के अपने गढ़ गोंडा में शुरू हुए सीनियर नेशनल रैंकिग कुश्ती हुए सीनियर नेशनल रैंकिग कुश्ती टूर्नामेंट के उद्घाटन में पहुंचने के बाद उनके तेवर फिर कड़े हो गए। इसके बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर एक्शन ओपन ओपन में आ गए।
खेल मंत्रालय ने बृजभूषण पर लगे यौन शोषण और डब्ल्यूएफआइ में कुप्रबंधन के आरोपों की जांच को लेकर निगरानी समिति के आधिकारिक रूप से गठित होने तक कुश्ती संघ की सभी गतिविधियां निलंबित कर दीं। जांच पूरी होने तक यही समिति कुश्ती संघ का दैनिक कार्य भी संभालेगी। इसके साथ ही 21 से 23 जनवरी तक होने वाले सीनियर नेशनल टूर्नामेंट को भी निलंबित कर दिया गया।
नई दिल्ली में प्रेसवार्ता के दौरान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फौगाट, साक्षी मलिक और भाजपा नेता बबीता फौगाट।
यौन उत्पीड़न के आरोप निराधार
पहलवानों के आरोपों पर खेल मंत्रालय ने 72 घंटे में डब्ल्यूएफआइ से जवाब मांगा था। सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा डब्ल्यूएफआइ ने अपने लिखित जवाब में कि खेल संघ का प्रबंधन संविधान के द्वारा निर्वाचित निकाय के द्वारा किया जाता है। ऐसे में डब्ल्यूएफआइ में अध्यक्ष सहित किसी एक द्वारा व्यक्तिगत रूप से मनमानी और कुप्रबंधन की गुंजाइश नही है।
हमने मौजूदा अध्यक्ष की देख रेख में हमेशा पहलवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया है। हमारे यहां पांच सदस्यीय यौन उत्पीड़न समिति है जिसके अध्यक्ष महासचिव वीएन प्रसाद हैं। इसमें आरोप लगाने वाली पहलवान साक्षी भी शामिल हैं। कोई भी पहलवान इसमें शिकायत. कर सकता है लेकिन आज तक कोई भी शिकायत नहीं की गई। सभी आरोप प्रेरित, पक्षपाती और निराधार हैं।
आरोप सिर्फ अध्यक्ष, खेल संघ और कोचों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से लगाए गए हैं।