चंडीगढ़ ट्राइसिटी कांप्लेक्स, एक केंद्र शासित प्रदेश और दो राज्य से मिलकर बना है। इसमें मोहाली, पंजाब और पंचकूला, हरियाणा में बसा हुआ है। सभी सरकारों के अलग-अलग विभाग हैं, जो शहर में विकास व परिवहन के कार्यों को देखते हैं।
रेल इंडिया तकनीकी और आर्थिक सेवा (राइट्स) की रिपोर्ट को हरी झंडी देकर चंडीगढ़ यूटी प्रशासन ने भले ट्राइसिटी में मेट्रो चलाने का रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन मेट्रो वास्तविकता से अभी बहुत दूर है। प्रशासन को पहले यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) का गठन करना होगा। तीन राज्य, एक यूटी और केंद्र व राज्य की 15 से अधिक एजेंसियों व विभागों को एक मंच पर लाना बहुत बड़ी चुनौती है।
राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चंडीगढ़ ट्राइसिटी कांप्लेक्स, एक केंद्र शासित प्रदेश और दो राज्य से मिलकर बना है। इसमें मोहाली, पंजाब और पंचकूला, हरियाणा में बसा हुआ है। सभी सरकारों के अलग-अलग विभाग हैं, जो शहर में विकास व परिवहन के कार्यों को देखते हैं। उदाहरण के लिए चंडीगढ़ प्रशासन में परिवहन विभाग और चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग है। इंजीनियरिंग विभाग, ऑर्किटेक्चर व टाउन प्लानिंग विभाग है। इसके अलावा चंडीगढ़ नगर निगम भी है।
राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति-2006 ने 10 लाख से अधिक शहरों में यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की स्थापना की सिफारिश की है। राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया है, क्योंकि ट्राइसिटी की जनसंख्या इससे ज्यादा है।
राइट्स ने सुझाव दिया है कि यूएमटीए की बोर्ड की अध्यक्षता पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक को करनी चाहिए। उनके अलावा गवर्निंग बोर्ड व बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में प्रशासक के अलावा पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के मुख्य सचिव और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होने चाहिए। इसके अलावा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारतीय रेलवे, विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि, उनके परिवहन विभाग, पब्लिक वर्क्स विभाग, पुलिस विभाग, लोकल गवर्नमेंट के प्रतिनिधि, नगर निगम के मेयर व आयुक्त, डेवलपमेंट अथॉरिटी के आयुक्त सदस्य होंगे।