पश्चिम बंगाल से लेकर ओडिशा और उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश तक साइक्लोनिक सर्कुलेशन का क्षेत्र बना हुआ है, जिसकी वजह से शुक्रवार को झारखंड के दक्षिणी हिस्से को छोड़कर सभी जिलों में ओले गिरने की आशंका है.
मौसम केंद्र रांची ने कहा है कि इस दौरान तेज हवाएं भी चलेंगी. तेज हवाओं, वज्रपात, वर्षा और ओलावृष्टि के असर से कच्चे मकान प्रभावित हो सकते हैं. किसानों की फसलों को भी नुकसान हो सकता है. पशुधन का भी ख्याल रखने की सलाह दी गयी है.
झारखंड के कम से कम 19 जिलों में कहीं-कहीं गर्जन, वज्रपात के साथ ओलावृष्टि होगी. इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में काफी नुकसान हो सकता है.
मौसम विभाग ने कहा है कि ऐसे मौसम की वजह से लोगों को कमजोर दीवारों से दूर रहने की सलाह दी जाती है. अगर मौसम खराब हो जाये, तो आसपास के पक्के मकान में शरण लें. प्रभावित क्षेत्र में लोग अपने घरों से बाहर न निकलें. अंदर ही रहें.
किसानों अपने फसल की लगातार निगरानी करें. जो फसल तैयार हो गयी है, उसकी समय रहते कटाई कर लें और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखें. कटी हुई फसल को सूखी जगह पर रखें. अगर कटने के बाद फसल गीली हो गयी, तो उसके बर्बाद हो जाने की आशंका रहती है.
मौसम केंद्र ने जिन जिलों में बारिश, वज्रपात और ओलावृष्टि की आशंका बताया है जिसमे राजधानी रांची के अलावा गढ़वा, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, जामताड़ा, देवघर, दुमका, पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज शामिल हैं.