दुर्ग सांसद विजय बघेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। सब कुछ ठीक रहा तो इसकी घोषणा कल तक हो जाएगी। इसके लिए सांसद विजय बघेल को दिल्ली बुलाया गया है। वे धरम लाल कौशिक के बेटे की शादी में गए हुए थे। इसलिए उन्होंने बिलासपुर से ही दिल्ली की फ्लाइट पकड़ी है।
भाजपा छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए कुछ प्रमुख नेताओं का कद बड़ा करने जा रही है। इसके लिए मोदी मंत्रिमंडल से लेकर संगठन में विस्तार किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव में भाजपा मुख्यमंत्री के फेस पर नहीं बल्कि कमल के निशान पर चुनाव लड़ेगी। इसलिए वो अपने नेताओं का कद बड़ा करके उन्हें चुनावी समर में उतारेगी।
कई कारणों से सामने आ रहा विजय बघेल का नाम।बघेल को मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे जातीय समीकरण भी बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ओबीसी (कुर्मी) वर्ग से आते हैं।
छत्तीसगढ़ से यदि विजय बघेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलती है तो यहां से दो नेता केंद्रीय मंत्री हो जाएंगे।
इसलिए भाजपा की सत्ता वापसी की रणनीति में ओबीसी फैक्टर महत्वपूर्ण होता जा रहा है। इसीलिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में दुर्ग के सांसद विजय बघेल को शामिल करने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इससे बीजेपी ओबीसी ट्रंप कार्ड खेल पाएगी। इससे पहले भी बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी अरुण साव को और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी नारायण चंदेल को सौंपी है। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल दोनों ओबीसी वर्ग से हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसी वर्ग से और भी नेताओं को जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।
सांसदों में ओबीसी वर्ग के विजय बघेल का नाम सामने आने के कई कारण हैं, जिनमें उनकी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का सर्वविदित होना भी है। वे न सिर्फ भूपेश बघेल के परिवार से हैं, बल्कि विधानसभा चुनाव में भूपेश को हरा भी चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड 3 लाख से अधिक मतों के अंतर से उन्होंने जीत दर्ज की थी। सोमवार को वो अचानक दिल्ली बुलाए गए तो यह चर्चा तेज हो गई है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के संभावित फेरबदल में उनका नाम शामिल है। लेकिन अभी इसकी अधिकृत तौर पर नहीं की जा रही है।