छांग लीहखांग ने बताया कि तकनीकी नवाचार के संदर्भ में, मलेशिया और चीन के विकास की दिशा समान है।
मलेशिया एक प्रौद्योगिकी उपयोगकर्ता देश से एक प्रौद्योगिकी नवाचार देश के रूप में बदलाव लाने का प्रयास कर रहा है, जो 2030 तक एक विकसित देश बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
उनका मानना है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चीन पिछड़ेपन से प्रगति की ओर बढ़ने का महत्वपूर्ण कारण यह है कि भविष्य के विकास के बारे में चीनी नेताओं के पास स्पष्ट दृष्टि है।
इसके अलावा, चीनी सरकार विभिन्न विकास योजनाओं के कार्यान्वयन को भी बहुत महत्व देती है, जो मलेशिया के लिए सीखने लायक है।
कहा कि दोनों पक्षों के विश्वविद्यालय और अनुसंधान संस्थान भी वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान और विकास में घनिष्ठ सहयोग कर सकते हैं और छात्रों व अध्यापकों के आदान-प्रदान के माध्यम से संपर्क को मजबूत कर सकते हैं।