जीवन के विकास की धारणाओं को भी चुनौती दे सकती है. पृथ्वी पर जीवन के विकास के क्रम में ऑक्सीजन पैदा करने वाली प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को एक अहम पड़ाव माना जाता है, इसके आने के बाद ही जटिल जीवन पनप सका. माना जाता है कि इसमें कई अरब सालों का समय लगा था.
प्रकाश संश्लेषण यानी ‘फोटो सिंथेसिस’ (Photosynthesis) ऐसी प्रक्रिया मानी जाती है जो पेड़- पौधों के लिए आवश्यक है. पौधों की वजह से बहुत पहले ही पृथ्वी पर सूक्ष्मजीवों के जरिए जीवन पनप चुका था. ताजा अध्ययन से पता चला है कि शुरुआती बैक्टीरिया (Bacteria) के पास ऐसी प्रक्रियाएं थी जिसमें प्रकाश संश्लेषण के अहम चरण शामिल थे.
ये अध्ययन जीवन के विकास की धारणाओं को भी चुनौती दे सकती है. पृथ्वी पर जीवन के विकास के क्रम में ऑक्सीजन पैदा करने वाली प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को एक अहम पड़ाव माना जाता है, इसके आने के बाद ही जटिल जीवन पनप सका.
स्टडी में ये दावा किया गया है कि प्रकाश संश्लेषण की कुछ प्रक्रियाएं शुरुआती जीवन के समय में भी हुआ करती थीं. इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों की अगुआई वाली टीम ने प्रकाश संश्लेषण के लिए जरूरी अहम प्रोटीन के विकास के संकेत और पृथ्वी के बैक्टीरिया जीवन की उत्पत्ति के समय तक पता लगाए.
कार्डोना के अनुसार, ‘अब हम जानते हैं कि फोटोसिस्टम 2 विकास के स्वरूप दिखा रहा है जो केवल पुराने इनजाइम में हुआ करते थे जो जीवन के विकास के लिए जिम्मेदार थे. प्रकाश संश्लेषण दो प्रकार का होता है एक से ऑक्सीजन का उत्पादन होता है
जिस तरह से शुरुआत में आंखें विकसित होते समय केवल प्रकाश ही महसूस कर पाती थी लेकिन रंग नहीं. उसी तरह शुरुआती समय में प्रकाश संश्लेषण अक्षम और धीमा हुआ करता था. पृथ्वी पर बैक्टीरिया को साइनोबैक्टीरिया में विकसित होने में एक अरब साल का समय लगा था. इस बदलाव को आने में काफी कम समय लगा होगा क्योंकि तब वातावरण में ऑक्सीजन पैदा करने के स्रोत उपलब्ध थे.