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‘सौराष्ट्र तमिल संगमम’ में गुजरात और तमिल की संस्कृति का होगा आदान प्रदान, काशी की तरह बनेगा

केन्द्र सरकार ने सौराष्ट्र में काशी संगम की तर्ज पर 'सौराष्ट्र तमिल संगमम' की घोषणा की है।

केन्द्र सरकार ने रविवार को सौराष्ट्र में काशी संगम की तर्ज पर ‘सौराष्ट्र तमिल संगमम’ की घोषणा की है। 17 से 26 अप्रेल तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के जरिए गुजरात और तमिलनाडु के बीच संस्कृति का आदान प्रदान किया जाएगा।

चेन्नई में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुजरात के जल सम्पदा राज्य मंत्री कुंवरजी बावलिया, राज्य के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा की उपस्थिति में आइकॉनिक लोगो, थीम सोंग और सहभागियों के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल लांच किया गया।

सौराष्ट्रवासी-तमिलों के जीवन, इतिहास, कला और सौराष्ट्र और उसके आसपास की आर्थिक प्रवृत्तियों की झलक देखने को मिलेगी। वर्षों पहले गुजरात के सौराष्ट् इलाके से स्थानांतरित होकर तमिलनाडु राज्य में स्थायी हुए लोगों को सम्मानित करने तथा दोनों राज्यों के बीच ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों का उत्सव मनाकर संस्कृति के आदान-प्रदान के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

इस कार्यक्रम में संस्कृति और शिक्षा मंत्रालय, भारतीय रेलवे तथा तंजावुर, सौराष्ट्र और जूनागढ़ जैसे विश्वविद्यालयों का भी सहयोग मिला है। इस दौरान तमिलनाडु और सौराष्ट्र की कला, शिल्प, व्यंजन, विरासत, संस्कृति और शिक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों का संगम होगा। इसके अलावा टैक्सटाइल हैण्डलूम, बिजनेस इवेन्ट्स भी होंगे।

12 लाख लोग, 9 शहरों में होगा रोड शोतमिलनाडु में बसने वाले लगभग 12 लाख सौराष्ट्रवासियों के लिए रविवार के अलावा 25 व 26 मार्च को चेन्नई, मदुरै, डिंडीगुल, परमकुडु, सलेम, कुंबाकोनम, तंजावुर व त्रिची सहित 9 शहरों में रोड शो आयोजित होगा। रोड शो के दौरान गुजरात के मंत्री सौराष्ट्र के तमिलनाडु में रहने वाले लोगों को गुजरात आने का न्यौता देंगे।

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