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अम्बिकापुर न्यूज : बिना चेहरे के चुनाव लड़ेगी भाजपा कार्यसमिति की बैठक

प्रदेश की जनता को लग रहा है कि देश की मोदी सरकार हमारे लिए काम कर रही है।

मोदी सरकार की उपलब्धियां जनता को बताएगी पार्टी छत्तीसगढ़ के 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा बिना किसी चेहरे के मैदान में उतरेगी। अंबिकापुर में दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि यहां कोई चेहरा नहीं है। भाजपा का एकएक कार्यकर्ता पार्टी का झंडा उठाकर 90 विधानसभा क्षेत्र के एक-एक घर तक पहुंचेगा। भाजपा का झंडा और कमल निशान ही विधानसभा चुनाब में हमारा चेहरा होगा। प्रदेश में पहली बार किसी नेता ने यह कहा है कि पार्टी बिना किसी चेहरे के चुनाव लड़ेगी।

इससे पहले प्रदेश प्रभारी ओम माथुर से लेकर सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश और अन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पार्टी का चुनावी चेहरा बताया था। प्रदेश अध्यक्ष साव के बयान पर कांग्रेस ने तंज कसा है। भाजपा केंद्रीय संगठन को न तो प्रदेश अध्यक्ष, न ही नेता प्रतिपक्ष पर भरोसा है इसलिए किसी को भी चुनावी चेहरा नहीं बना रहे हैं।

बिना दूल्हे के बारात निकालना चाह रही भाजपा कांग्रेस

रमन का 15 साल शक्ति, मोदी का आठ साल प्रेरणा वाला : शिवप्रकाश कार्यसमिति के दूसरे दिन भाजपा के राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कहा कि लोगों की भावना के अनुरूप केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करें। अब क्षेत्रीय नहीं बल्कि उससे सूक्ष्म स्थानीय विषयों पर चर्चा कर, बूथ शक्ति का उपयोग करके आंदोलन खड़ा करें । छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष में भाजपा सरकार के कार्य याद कराएं और जनसामान्य के जीवन में जो सकारात्मक परिवर्तन आए हैं, वह जनता को याद दिलाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा के 15 वर्ष का कार्यकाल हमारी शक्ति है और प्रधानमंत्री मोदी के आठ वर्ष का कार्यकाल हमारी प्रेरणा है।

कांग्रेस ने भाजपा का मुंगेरी लाल का सपना बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार भाजपा कार्यसमिति की बैठक में राज्य के सरकार बनाने के संकल्प को विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि चुनाव को आठ माह बचे हैं, भाजपा अभी तक अपने चेहरे को बता नहीं पाई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का बयान बताता है कि भाजपा बिना दूल्हे के बारात निकालना चाह रही है। पार्टी को अपने नेतृत्व पर ही भरोसा नहीं है। किसी भी दल का प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल का नेता पार्टी का राज्य में स्वाभाविक नेता होता है।

भाजपा को अपने अध्यक्ष और विधायक दल के नेता की जन स्वीकार्यता पर भी संदेह है। वह उनको चुनावी चेहरा बनाने से डर रही है। भाजपा नेता अपने आलाकमान के साथ जनता का भी भरोसा खो चुके हैं। भाजपा 15 साल तक सत्ता में रहे नेताओं से दूरी बनाकर जनता की आंख में धूल झोंकना चाहती है। भाजपा को समझ आ गया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के सामने 15 साल बनाम चार साल की चुनौती है।

पड़ा था और पार्टी 90 में से सिर्फ 14 सीट ही जीत पाई थी। प्रदेश अध्यक्ष साव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के विचार पर काम कर रही है, जबकि प्रदेश में भूपेश सरकार का मंत्र न साथ, न विकास का में रहने के बाद पिछले विधानसभा चुनाव बता दें कि प्रदेश में 15 साल सरकार में भाजपा को करारी हार का सामना करना है।

केंद्र की मोदी सरकार की आठ वर्ष की उपलब्धियों और भूपेश सरकार की नाकामियों को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे। भूपेश सरकार ने हर वर्ग को धोखादे ने का काम किया है। कांग्रेस आरक्षण के नाम पर भ्रम फैला रही है। प्रदेश की जनता को लग रहा है कि देश की मोदी सरकार हमारे लिए काम कर रही है। सावने यहां भी डबल इंजन की सरकार की बात कही। कहा कि देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार रहेगी, तभी छत्तीसगढ़ का विकास संभव है।

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